Vigyan Pragati (Monthly)

ISSN: 0042-6075 (Language – Hindi)

Vigyan Pragati

Launched in 1952, Vigyan Pragati has entered the 67 year of its publication in 2019. Vigyan Pragati endeavours to familiarize its readers with important current events/issues in the field of science in an easy-to-understand manner. The keen interest of the readers is well evident by their feedback through the incessant inflow of letters. Articles from experts were published on several topical issues to apprise readers of the latest developments.

With its theme as "Science for common man", it presents objectively the contributions of Indian S&T in different fields of human welfare as well as their impact on society. Vigyan Pragati publishes special numbers on various topical issues. How popular this magazine is, can easily be gauged by its circulation which stands today highest amongst all Indian popular science magazines. More than 10 to 11 lakh readers of this magazine are located in far flung areas of the country and a few across the boundaries of India.

लेखकों के लिए निर्देश

  • विज्ञान प्रगति में प्रकाशनार्थ ऐसे लेख आमंत्रित किये जाते हैं जिनका सम्बन्ध किसी वैज्ञानिक या औद्योगिक मौलिक अनुसंधान, विज्ञान या औद्योगिक विकास के किसी क्षेत्र के सर्वेक्षण अथवा किसी ऐसे नवीनतम विषय से हो जिससे विज्ञान के प्रचार-प्रसार में सहायता मिलती हो।
  • लेख लिखते समय बहुत तकनीकी भाषा का प्रयोग न करें तथा सरल व रोचक ढंग से लेख प्रस्तुत करें।
  • सामान्य लेख लगभग 3000 शब्दों में, लघु लेख लगभग 1500 शब्दों में तथा अन्य स्तम्भ लगभग 1000 शब्दों में तथा स्वरचित होने चाहिए।
  • विज्ञान गल्प, बाल विज्ञान, चित्र कथा, वर्ग पहेली, आरोग्य सलाह तथा कैरियर से संबंधित विषयों पर अपने नवीनतम लेख भेजें तथा हम सुझाएं आप बनाएं स्तम्भ के लिए अपने लेख तथा चित्रों को परिपथ (सर्किट) के साथ संलग्न करें।
  • अपने लेखों को ई-मेल के माध्यम से क्रुतिदेव 010 या शिवा लिपि में भेजें। विषय से संबंधित अच्छी गुणवत्ता के 8-10 रंगीन चित्र भी अवश्य भेजें।
  • अपने लेख भेजते समय उस लेख की मौलिकता एवं उसके अप्रकाशित होने का स्वः प्रमाण-पत्र अवश्य दें। इस प्रमाण-पत्र के बिना लेख स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
  • लेखकों से अनुरोध है कि अपने लेख में प्रस्तुत आंकड़ों तथा तथ्यों को प्रस्तुत करते समय उनका स्रोत अवश्य दें, अन्यथा लेख अस्वीकृत किया जा सकता है।
  • सम्पादक को पूर्ण अधिकार है कि वह सामान्य लेख को लघु लेख में या लघु लेख को समाचार या अन्य किसी स्तम्भ में बदल सकता है। अनुपयुक्त पाए जाने पर संपादक द्वारा आमंत्रित लेख को भी अस्वीकार किया जा सकता है।
  • लेख उपयुक्त न पाए जाने पर अस्वीकृत किया जाएगा। लेख स्वीकृत किये जाने पर उसके प्रकाशित होने की समय सीमा का निर्धारण नहीं किया जा सकता।
  • लेखक अपना वह नाम लेख में लिखें जो उनके बैंक खाते में हो तथा अपना स्पष्ट पता और संक्षिप्त विवरण भी अवश्य दें।
  • अन्य जानकारी तथा सुझावों के लिए फोन नं. 011-25841769 या ई-मेलः vp@niscpr.res.in पर संपर्क कर सकते हैं।