नवसंचेतना सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान(सीएसआईआर-निस्पर) की छमाही राजभाषा पत्रिका है। नवसंचेतना वर्ष 2018 से पूर्व तक संचेतना के नाम से पिछले बीस वर्षों से वार्षिक राजभाषा पत्रिका के रूप में प्रकाशित की जा रही थी। वर्ष 2018 से इसे छमाही राजभाषा पत्रिका के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है। नवसंचेतना संघ की राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार तथा प्रोत्साहन को समर्पित छमाही पत्रिका है। सीएसआईआर-निस्पर संघ की राजभाषा नीति के अनुरूप राजभाषा कार्यान्वयन के अपने अन्य प्रयासों के साथ-साथ नवसंचेतना पत्रिका के प्रकाशन द्वारा भी हिन्दी के प्रगामी प्रयोग संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सदैव तत्पर है। नवसंचेतना संस्थान के कार्मिकों को राजभाषा हिन्दी के माध्यम से अपने विचारों, मंतव्यों एवं सृजनशीलता को प्रस्तुत करने का एक मंच प्रदान करती है। पत्रिका में वैज्ञानिक, तकनीकी एवं साहित्यिक लेख/ कहानी/कविता/निस्पर गतिविधियां प्रकाशित की जाती हैं। पत्रिका को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), उत्तरी दिल्ली द्वारा पुरस्कृत किया गया है। पत्रिका का वितरण सीएसआईआर की सभी प्रयोगशालाओं वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक विभागों, शैक्षिक संस्थानों एवं मंत्रालयों के बीच किया जाता है तथा पत्रिका की सॉफ्टकॉपी संस्थान की वैबसाइट- http://niscpr.res.in/ पर आम जनता के लिए नि:शुल्क उपलब्ध है।
ISSN: 0973-2616
2021 | |||||
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January-June |